Lyrics
Batein bahut hui kaam shuru kare kya
Kal kya karega aaj shuru kare kya
Yeh desh apney hanth, kuch baaton se hoga na
Tu khud hi hai nayak, toh shuru kare kya
Batein bahut hui kaam shuru kare kya
Kal kya karega aaj shuru kare kya
Yeh desh apney hanth, kuch baaton se hoga na
Tu khud hi hai nayak, toh shuru kare kya
Shuruaat se hi seekhte galat hain
Garam hai hum sab pe par khud main jo dam hai woh kum hai kya?
Tere andar ki zameer aaj num hai kya?
Doosron pe bhauke tujhe khud pe sharam hai kya
Gareebon pe atyachaar
Bachiyon ka balatkaar
Na ruke ga na toh hoga aisa koi chamatkar,
Ungli uthate par awaaz toh uthaao,
Note sab chaape saale izzat kamaao,
Deep tum jalaate khaali kadam badhaate,
Apne andar ke andhere main tum batti ko jalaao
Aaftaab si udaan kyun samaaj bana chilman sa,
Lutkar jo lathpath tu puchhta hai jaat unka,
Tarkash me majhab ye jabtak taraju ke,
Peedhhi ki maut hogi gharshan kare shanka,
Haan !
ainak awaam ka hai saaf nahi,
Devi haan sadko pe darke kyu kaanp rahi ?
Saanp bani chhati pe dehshat dharam ki,
Tu khud hai masiha ye ankhe kyu nam !
Batein bahut hui kaam shuru kare kya
Kal kya karega aaj shuru kare kya
Yeh desh apney hanth, kuch baaton se hoga na
Tu khud hi hai nayak, toh shuru kare kya
Hindu bhai musalman ka toh kayko ladte jaat pe,
Insaaniyat hai gumshuda, aur psycho hum haalat se
Aur apne logo ko toh chahiye jaati ka vaad haathi ka daat, tu bol mujhko kidhar gayab
insaaf,
Tabhi milega, jabhi tu apne haq ko bolna shuru karega,
Sach ko kholna sabke baarein mai sochna ab tu nahi darega..
Aamir ke thaali mai roti chhaar,
Fakeer ko nahi h mila prasaad..
Sab theek hai tera toh bada vyapaar,
Kamzor pe aise na daal dabaav
Chalo shuru se shuru kare haal kyu behaal hai
Aise toh azaadi ko hue sattar saal hai
Hum azaad na phirr bhi
Kabhi sunnte na khudki
Bass ghar baithe sochenge masle ki tarkeeb
Kadam le aage toh peeche yeh kheeche tu zyaada sach ugle toh dharti ke neeche
Ab Neeche he rehna
Sab himmat se sehna
Woh maare woh peete tu kuch bhi na kehna
Har jaati se choti yaha aurat ki jaat
Dede jeewan ki dor kisi aurke haath
Yaha praan jaaye par maan na jaaye
Daulat ki lalach hadapti duayein
Batein bahut hui kaam shuru kare kya
Kal kya karega aaj shuru kare kya
Yeh desh apney hanth, kuch baaton se hoga na
Tu khud hi hai nayak, toh shuru kare kya
बातें बहुत हुई काम शुरू करें क्या
कल क्या करेगा आज शुरू करें क्या
ये देश अपने हाथ कुछ बातों से होगा ना
तू खुद ही है नायक तो शुरू करें क्या
बातें बहुत हुई काम शुरू करें क्या
कल क्या करेगा हिन्दीट्रैक्स आज शुरू करें क्या
ये देश अपने हाथ कुछ बातों से होगा ना
तू खुद ही है नायक तो शुरू करें क्या
शुरुआत से ही सीखते गलत है, गरम है हम सब पे पर खुद में जो दम है वो कम है क्या
तेरे अन्दर की ज़मीर आज नम है क्या
दूसरों पे भौके तुझे खुद पे शर्म है क्या
गरीबों पे अत्याचार, बच्चियों का बलात्कार ,ना रुकेगा ना तो ना होगा ऐसा कोई चमत्कार
ऊँगली उठाते पर आवाज तो उठाओ
नोट सब छापे साले इज्ज़त कमाओ
बत्ती तुम जलाते खाली कदम बढ़ाते अपने अन्दर के अँधेरे में वो बत्ती को जलाओ
आफ़ताब सी उड़ान क्यूँ,समाज बना चिलमन सा
लूटकर कर जो लथपथ तू पूछता है जात उनका
तरकश में मज़हब ये जब तक तराजू के
पीढ़ी की मौत होगी घर्षण करे शंका
हाँ ऐनक अवाम का है साफ नहीं देवी
हाँ सड़कों पे डर के क्यूँ काँप रही
सांप बनी छाती पे दहशत धरम की तू खुद है मसीहा ये आँखें क्यूँ नम सी
बातें बहुत हुई काम शुरू करें क्या
कल क्या करेगा आज शुरू करें क्या
ये देश अपने हाथ कुछ बातों से होगा ना
तू खुद ही है नायक तो शुरू करें क्या
तू भाई मुस्लमान का
तो काई को लड़ते जात पे
इंसानियत है गुमशुदा और साइको हम हालात से
और अपने लोगो को तो चाहिए जाती का वार,हाथी का दाँत
तू बोल मुझको किधर गायब इन्साफ
तभी तो मिलेगा जभी तू अपने हक को बोलना शुरू करेगा
सच को खोलना सब के बारे में सोचना ,अब तू नहीं डरेगा
अमीर के थाली में रोटी है चार, फ़कीर नहीं है मिला प्रसाद
सब ठीक है तेरा तो बढ़ा व्यापार, कमजोर पे ऐसे ना डाल दबाव
चलो शुरू से करें हाल क्यूँ बेहाल है
ऐसे तो आजादी को हुवे सत्तर साल हैं
हम आज़ाद ना फिर भी ,कभी सुनते ना खुद की
घर बैठे सोचेंगे मसले की तरकीब
कदम ले, आगे तो पीछे ये खींचे तू
ज्यादा सच उगले, तो धरती के नीचे अब
नीचे ही रहना, हिम्मत से सहना
वो मारे, वो पीटे, तू कुछ भी ना कहना
हर जाती से छोटी यहाँ ,औरत की जात दे
दे जीवन की डोर किसी और के हाथ
यहाँ प्राण जाए पर मान ना जाए
दौलत की लालच हड़पती दुआएं
बातें बहुत हुई काम शुरू करें क्या
कल क्या करेगा आज शुरू करें क्या
ये देश अपने हाथ कुछ बातों से होगा ना
तू खुद ही है नायक तो शुरू करें क्या
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